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ई-चार्जिंग स्टेशन और वर्कशॉप निर्माण को मिली मंजूरी, एचआरटीसी को वित्त विभाग की हरी झंडी

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हिमाचल प्रदेश में ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप निर्माण का रास्ता साफ: एचआरटीसी को मिली मंजूरी

हिमाचल प्रदेश में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। वित्त विभाग ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप के निर्माण की मंजूरी दे दी है। पहले परिवहन विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन उसकी असमर्थता के कारण प्रोजेक्ट लंबित था। अब एचआरटीसी इस प्रोजेक्ट को नाबार्ड के सहयोग से पूरा करेगा।

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128 करोड़ की योजना: नाबार्ड का सहयोग

इस प्रोजेक्ट के लिए 128 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिसमें 90% राशि नाबार्ड से ऋण के रूप में मिलेगी और शेष 10% प्रदेश सरकार वहन करेगी। नाबार्ड ने पहले चरण में लगभग 35 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इस योजना के तहत प्रदेशभर में ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप का निर्माण किया जाएगा।

ई-वर्कशॉप निर्माण: आधुनिक सुविधाओं से लैस

एचआरटीसी प्रमुख जिलों में ई-वर्कशॉप का निर्माण करेगा, जहां इलेक्ट्रिक बसों की मरम्मत और रखरखाव की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

  • शिमला में दो प्रमुख केंद्र: ढली और तारादेवी में आधुनिक ई-वर्कशॉप बनाई जाएंगी।
  • बसों की मरम्मत में आत्मनिर्भरता: वर्तमान में एचआरटीसी इलेक्ट्रिक बसों की मरम्मत के लिए संबंधित कंपनियों पर निर्भर है। नई ई-वर्कशॉप बनने के बाद यह प्रक्रिया एचआरटीसी द्वारा ही संभाली जाएगी।

ई-वाहन और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा

प्रदेश सरकार ग्रीन मोबिलिटी को प्राथमिकता देते हुए ई-वाहनों और ई-टैक्सियों को बढ़ावा दे रही है। ई-चार्जिंग स्टेशन और वर्कशॉप का यह प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

निष्कर्ष

ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप का यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश को पर्यावरण अनुकूल और स्वच्छ परिवहन की ओर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगा। यह न केवल प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देगा, बल्कि परिवहन प्रणाली को भी अधिक आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाएगा।

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