परमजित ढटवालिया ने बताया कि आजकल बड़सर में लोग पानी के संकट से झुज रहे हैं।प्राकृतिक सारे जल स्त्रोत्र सुख चुके हैं।लोगों को पानी नहीं मिल रहा है लेकिन उधर खनन बिभाग गहरी निद्रा में सोया है।खड्डों में खनन करने बाले क्रेसर मालिकों ने तो खड्डों को कई जगह दस दस फिट से ज्यादा खोद रखा है।
लेकिन खनन बिभाग के अधिकारी दपत्तर से क्यों निकलें हप्ता तो दपत्तर ही पहुँच जायगा।
ढटवालिया ने कहाकि मैंने औऱ मेरी टीम ब इलाका के लोगों ने खुद मौके पर जाकर देखा शुकरखड्ड में ऊपर से लेकर बिलासपुर बार्डर तक खनन माफियाओं ने कई जगह तो दस फिट से ज्यादा खुदाई कर रखा है।औऱ कई जगह जेसीवी लगी हुई थी। लेकिन बिभाग को बार बार बोलने के बाद भी दिखाई ही नहीं देता।जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।बल्ला,जन्हेंह्न,
बाग, दगनेड़ी,पपलोहल गांव के लोगों के पानी के स्त्रोत सुख चुके हैं।बिभाग से भी पानी नहीं आता है अभीकई जगह नल भी नहीं लगे हैं अगर यही हालत रहे तो पानी की भारी किल्लत होगी। बरसात में खड्ड के किनारे की मलकियत भूमि का कटाब हो रहा है खड्डे इतनी गहरी चली गई हैं कि शुकरखड्ड में लगी पानी की स्कीमें भी सुख गई हैं।
आज ढटवालिया के साथ लोगों ने भी कहाकि की खड्डों में ज्यादा गहरा खनन ही जलस्तर को नीचे ले जा रहा है।उधर शुककर खड्ड पर ही पपलोहल औऱ जनेहन के लोगों ने बताया कि बिभाग इन क्रेशर मलिकों के आगे इतना नतमस्तक है कि शुक्कर खड्ड पर बने लोक निर्माण बिभाग के पुल औऱ जन्हेंह्न स्कूल के पास ट्रैक्टरों की भरमार लगी हुई है।जिस स्पीड से ये खनन कर रहे हैं लगता है अगली बरसात में ये बह न जायें।जबकि स्कूल को काफी खतरा बन चुका है।पपलोहल ब जन्हेंह्न पंचायत के लोगों ने कहा कि अगर इन क्रेशर मालिकों पर नकेल नहीं कसी औऱ खनन बिभाग ने जल्दी आँखें नहीं खोलीं तो इस बाबत दोनों पंचायतों के लोग मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से शिकायत करेंगे।
निबेदक
परमजीत ढटवालिया
सोसिल एक्टिविस्ट
बड़सर।
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