उत्तर भारत के प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। बाबा की गुफा तक पहुंचने के लिए लोहे की जालियों में लगी लंबी कतारें श्रद्धालुओं को पिंजरे में कैद जैसी अनुभूति देती हैं, जबकि मंदिर परिसर में बंदर खुलेआम घूमते हैं।
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मंदिर की व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर बनी सरायों का रखरखाव खराब है। टूटी दीवारें, खराब गीजर और बंद स्ट्रीट लाइटें श्रद्धालुओं के लिए समस्या बनी हुई हैं।
आने वाले सुधार
1. रोपवे प्रोजेक्ट: 70 करोड़ की लागत से बनने वाला रोपवे जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
2. पार्किंग और सुविधाएं: 28 करोड़ की लागत से पार्किंग, सोलर लाइट, अस्पताल भवन, और पहाड़ी कला को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा।
3. फ्री टैक्सी सेवा: बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए बस अड्डा से मंदिर तक फ्री टैक्सी सेवा शुरू होगी।
मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन को व्यवस्था में सुधार की दिशा में तेजी से कदम उठाने की आवश्यकता है।