इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर विवादों में हैं। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने उन पर युद्ध अपराध के गंभीर आरोप लगाते हुए संभावित गिरफ्तारी वारंट की तैयारी शुरू कर दी है। आइए जानते हैं इस मामले के मुख्य पहलुओं को।
क्या हैं नेतन्याहू पर आरोप?
ICC के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने नेतन्याहू और इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ युद्ध अपराधों के 7 आरोप कोर्ट में पेश किए हैं। इनमें आम नागरिकों की भुखमरी, अमानवीय उत्पीड़न और जानबूझकर नागरिकों की हत्याएं जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
हमास नेताओं पर भी गंभीर आरोप
हमास के शीर्ष नेताओं इस्माइल हनियेह, याह्या सिनवार, और मोहम्मद दीफ पर 8 युद्ध अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों में निर्दोष नागरिकों की हत्याएं, बंधक बनाना, यौन हिंसा, और यातनाएं शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
फ्रांस और बेल्जियम: ICC के गिरफ्तारी वारंट का समर्थन किया है।
जर्मनी और ब्रिटेन: खुलकर इसका विरोध किया है।
अमेरिका: राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों ने नेतन्याहू का समर्थन करते हुए ICC के कदम को अपमानजनक बताया है।
बाइडन और ट्रंप की प्रतिक्रिया
जो बाइडन ने कहा, “इजरायल और हमास के बीच कोई समानता नहीं है। इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।” वहीं, ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने इस कदम को विश्वासघात करार दिया।
ICC के कदम का असर
ICC का यह कदम इजरायल-हमास संघर्ष में शांति स्थापित करने के प्रयासों में बड़ा अवरोधक बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्रीय राजनीति को और जटिल बना सकता है।