सिविल अस्पताल बड़सर में स्वास्थ्य सुविधाएं राम भरोसेकड़ी धूप में घंटे खड़े होकर मरीजो को करना पड़ता अल्ट्रासाउंड की बारी का इंतजारअधिकारी बात सुनने तक को तैयार नहींबड़सर सिविल हॉस्पिटल बड़सर में लगातार मरीजों को असुविधा होने की खबरें अब आम बात हो गयी हैँ । काफ़ी समय से यहां विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं हैँ, लेकिन 85000 आबादी को सुविधा देने वाले क्षेत्र के इस इकलौते सिविल अस्पताल में आज भी मरीजों को कई दिक्क़तों को सामना करना पड़ता है ।
एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसे कई महत्वपूर्ण टेस्ट के लिये उन्हें लम्बा इंतज़ार करना पड़ता है, हफ्ते में एक दिन एक्सरे और एक दिन अल्ट्रासाउंड के लिये सुनिश्चित किया गया है । आँखों के डॉक्टर भी हफ्ते में केवल दो दिन ही अस्पताल में मौजूद रहते हैँ ।हीने के हर शनिवार को अल्ट्रासाउंड टेस्ट के लिये तिथि निर्धारित की गयी है, जो की माह में कई बार 2 से 3 बार ही हो पाता है । वहीं दूसरी तरफ अल्ट्रासाउंड करवाने आये मरीज आज जमीन पर नीचे बैठे देखे गए । टेस्ट करवाने आयी नेहा का कहना था की हम सुबह 10 बजे से अस्पताल में टेस्ट करवाने के लिये आये हैँ, लेकिन 12 बजने को हैँ, और अभी तक हमारा नंबर टेस्ट के लिये नहीं लगा है ।
इसी तरह कई बुजुर्ग लोगों का कहना था की हम सुबह से भूखे प्यासे नीचे जमीन पर बैठने को मजबूर हैँ, न ही अस्पताल की तरफ से यहां बैठने की कोई व्यवस्था की गयी है, और न ही किसी तरह के शेड का कोई प्रावधान किया गया है । आपको बता दें की कई गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, युवा धूप और उमस में नीचे बैठने को मजबूर होते हैँ, लेकिन अस्पताल के एसी दफ्तरों में बैठे अधिकारीयों और प्रशासन के कान पर जूँ तक नहीं रेंगती । विभाग के बड़े अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर की होती है । अगर मरीज को कोई दिक्कत आ रही है और अगर किसी तरह की कोई व्यवस्था की जानी है तो बीएमओ अपने स्तर पर प्रबंध कर सकते हैं । लेकिन अगर सिविल अस्पताल बड़सर में वर्तमान में कोई बीएमो मौजूद नहीं है! स्थानीय लोगों की मांग है की एक्सरे और अल्ट्रासाउंड के लिये अगर रेगुलर तौर पर तैनाती नहीं की जाती है, तो एक दिन से बढ़ाकर कम से कम हफ्ते में दो दिन यें दोनों टेस्ट किये जा सके, ऐसा प्रावधान करने की जरूरत है! पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष ढटवालिया का कहना है कि बड़सर अस्पताल में खामियों की जांच की जाएगी। मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा जनता की सुविधाओं से किसी को भी खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा।