भोटा चैरिटेबल अस्पताल से संबंधित विवाद में मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी लोग उतरे सड़कों पर, आपको बता दें की करीब एक हफ्ते से चैरिटेबल अस्पताल को लेकर विवाद और अफवाहों का दौर बढ़ गया है! अस्पताल के बंद होने की खबरों के बीच जनता में असमंजस की स्थिति बनी हुई है! मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है! लैंड सिलिंग एक्ट से जुडा ये मामला कानूनी दांव पेच के साथ साथ लोगों की भावनाओं से भी जुडा हुआ दिखता है! मामले की बात करते हुए आपको बता दें की राधास्वामी सतसंग ब्यास अपने सहयोगी संगठन को जमीन हँसतांत्रित करना चाहता है!
क्यूंकि उपकरण मंगवाने पर जीएसटी लगता है, और चैरिटेबल अस्पताल बिना लाभ के सेवा का कार्य कर रहा है, ऐसे में उसे हर साल करोड़ों रूपये का टैक्स भरना पड़ रहा है! वहीं लैंड सिलिंग एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कोई भी गैर हिमाचली जमीन नहीं ले सकता है, यही नियम संस्थाओं पर भी लागू होता है! वर्तमान में चैरिटेबल अस्पताल की जमीन राधास्वामी सतसंग ब्यास के नाम पर है, इसमें सतसंग घर और अस्पताल की पूरी जगह आती है! वहीं राधास्वामी सतसंग ब्यास अपने सहयोगी संगठन डेरा बाबा जयमल सिंह के नाम ये जगह हसतांत्रित करना चाहते हैँ! लेकिन लैंड सिलिंग एक्ट में तकनीकी पेच के कारण मामला फंस गया है! अगर राधास्वामी सतसंग ब्यास ये कर पाता है तो उनके सेवा के कार्य में करोड़ों रूपये की टैक्स कटौती हो जाएगी! हालांकि शुरू में इस मामले को लेकर ये कहा गया की चैरिटेबल अस्पताल की सेवाएं बंद करने का विचार किया जा रहा है, और कटघरे में सरकार और मुख्यमंत्री को खड़ा किया गया, की सरकार अस्पताल के ऊपर करोड़ों रूपये का टैक्स लगा रही है, जिस वजह से अस्पताल अपनी सेवाएं बंद करने का सोच रहा है, जिससे कहीं न कहीं लोगों की भावनाएं सीधे तौर पर आहत हुई, लेकिन कानून के तकनीकी पेच की बात लोगों तक नहीं पहुंची, जिससे ये एक बढ़ा मुद्दा और लोगों की चर्चा का विषय बन गया! हालांकि अब मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर इस मुद्दे को लेकर मीडिया के माध्यम से ये बताया की लैंड सिलिंग एक्ट में अगर बदलाव करने की जरूरत पड़ी तो यें किया जायेगा, और सेवा का कार्य इसी तरह निरंतर चलता रहना चाहिए! मुख्यमंत्री ने कहा की मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है!
इसके लिये सरकार आगामी शीट सत्र में एक अध्यादेश लायेगी, और इसके सभी वैधानिक पहलुओं पर विचार किया जायेगा! मुख्यन्नतरी ने कहा की जो संस्थाएं सेवा का कार्य कर रही हैँ उनके कल्याणकारी कार्यों के लिये कानून में थोड़ा बहुत परिवर्तन करना पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे! भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा की इस संबंध में भाजपा सरकार ने कभी उचित कदम नहीं उठाये, वह तो राजनितिक रोटियां सकते रहे! लेकिन हमारी सरकार इसपर मंथन कर रही है, और आने वाले सहीत सत्र में अध्यादेश लाकर कानून में सेवा कार्य के लिये थोड़ा बहुत परिवर्तन करना पड़े तो वह किया जायेगा!
भोटा नगर पंचायत के पूर्व प्रधान और कानून के जानकर शरण प्रसाद ने कहा की मामले को जो राजनीतीक रंग दिया जा रहा है, वह बिलकुल सही नहीं है! मुख्यमंत्री ने स्वयं इसका संज्ञान लिया है, वहीं उन्होंने भरोसा दिलाया है की जो भी कानूनी वजहें अड़चन बन रही हैँ, उन्हें दूर कर मामले को सुलझाया जायेगा! वहीं कुछ लोग लोगों की भावनाओं से खेलने में परहेज नहीं कर रहे हैँ, और डेरा बयास और सरकार से जुड़ें इस मामले में अफवाहें फैलाकर लोगों को भड़का रहे हैं! मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार आम लोगों के लिये कार्य कर रही है! और सेवा के कार्य में जो भी बाधा होगी उसे दूर करेगी! जल्द ही अध्यादेश लाकर इस मसले को सुलझाया जायेगा!