हालांकि कई सरकारें बदल चुकी हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश की परिवहन सेवा, एचआरटीसी (हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) की हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। एचआरटीसी की बसों के खराब होने की घटनाएं आए दिन समाचारों में देखने को मिलती हैं। ताजा मामला घुमारवीं बस स्टैंड का है, जहां जाहू से चंडीगढ़ जाने वाली एक बस सुबह-सुबह स्टार्ट नहीं हो पाई। यात्रियों को समय पर गंतव्य तक पहुँचने की उम्मीद थी, लेकिन बस के खराब होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अंततः धक्का मारकर बस को स्टार्ट किया गया, लेकिन इस तरह की घटनाओं ने एचआरटीसी की सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह बस उन पुरानी BS4 (भारत स्टेज-4) बसों में से थी, जिन्हें एचआरटीसी अभी भी लंबी दूरी के रूटों पर चला रहा है। यह चिंता का विषय है कि इन बसों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि आए दिन इनमें खराबी आ रही है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए, एचआरटीसी को पुरानी बसों की जगह नई और आधुनिक बसों को लाने की जरूरत है, खासकर लंबी दूरी के मार्गों पर। इन पुराने वाहनों की बार-बार खराबी न केवल यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बन रही है, बल्कि हिमाचल की परिवहन प्रणाली की छवि को भी नुकसान पहुँचा रही है।
एचआरटीसी प्रबंधन को इस मुद्दे पर गहराई से विचार करना चाहिए और जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और समय पर परिवहन सेवा मिल सके। नई बसों का संचालन करने से यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा और राज्य की परिवहन सेवा की छवि में सुधार होगा। अगर इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी, और यात्रियों का भरोसा एचआरटीसी पर से उठ सकता है।
यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर, एचआरटीसी को आवश्यक तकनीकी सुधार, उचित रखरखाव, और नई बसों के संचालन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि प्रदेश की परिवहन सेवा को बेहतर बनाया जा सके।