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उप मंडलीय पशु चिकित्सालय बड़सर के अंतर्गत आने वाले विभिन्न पशु चिकित्सालयों में काफ़ी लम्बे समय से पंचायत वेटनरी फार्मासिस्ट के पद खाली।

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उप मंडलीय पशु चिकित्सालय बड़सर के अंतर्गत आने वाले विभिन्न पशु चिकित्सालयों में काफ़ी लम्बे समय से पंचायत वेटनरी फार्मासिस्ट के पद खाली चल रहे है! उपमंडलीय वेटनरी अस्पताल में 4 माह पहले ही चीफ वेटनरी फार्मासिस्ट का पद भरा गया है ,पशु चिकित्सालय में डॉक्टर को फील्ड में जाकर जगह-जगह बीमार पशुओं को देखना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ डाटा एंट्री से लेकर दवाइयां देने तक का काम भी उन्हें बिना किसी की सहायता से करना पड़ता है।ऐसे में काम चलाने के लिए मेकशिफ्ट अरेंजमेंट किया हुआ है जब किसी अन्य पशु चिकित्सालय से वेटरनरी डॉक्टर उपमंडल चिकित्सालय में बुलाया जाता है तो उस पशु चिकित्सालय का काम ठप हो जाता है,और दूसरी तरफ इस कारण पशुपालकों को भी असुविधा होती है। भाजपा की धूमल के नेतृत्व वाली सरकार के समय हर पंचायत में एक वेटनरी डिस्पेंसरी खोली गई थी। आज भी वो डिस्पेंसरी चलन में है , लेकिन वहां पर वेटरनरी फार्मासिस्ट रेगुलर जॉब पर नहीं है ।नियमित तौर पर सरकारी भर्तियां न होने के कारण विभाग मे वेटनरी फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ के काफी पद खाली चल रहे हैं इस कारण पशु पालकों को उचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
इस तरह बड़सर उपमंडल के विभिन्न पशु चिकित्सालय में भी प्रोफेशनल स्टाफ की भारी कमी चल रही । बड़सर उपमंडल में कुछ वेटनरी फार्मासिस्ट के पद पिछले काफी लंबे समय से खाली चल रहे हैं। व पशुओं के लिए विभिन्न टेस्ट सुविधाओं का तो बड़सर उपमंडल के मुख्य वेटनरी अस्पताल में जानवरों के लिए एक्सरे जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं का तो प्रावधान ही नहीं है । पशु पालकों को जानवरों का टेस्ट करवाने के लिए बाहर का रुख करना पड़ता है। आधिकारिक सूत्रों से यह पता भी चला है कि हर जिले में पशुओं के लिए एक पालीक्लिनिक होता है, जहां पर अधिक सुविधाओं के साथ अधिक डॉक्टर काम करते हैं , जिसमें प्रमुख तौर पर गायना, सर्जरी, पैथोलॉजी,और मेडिसिन के अलग अलग डॉक्टर बैठते हैँ, लेकिन यह ज्ञात हुआ है कि हमीरपुर जिले में एक भी पशु पॉलिक्लिनिक नहीं है, गौरतलब है कि अधिकतर जिलों में ऐसे पोलीक्लीनिक बने हुए हैं। लेकिन बड़सर क्षेत्र के पशु पालकों को पशुओं के बड़े इलाज के लिए पालमपुर या किसी अन्य जगह ले जाना पड़ता है!
अगर उपमंडल बड़सर की ही बात करें तो दाँदडू के साथ लगते मैड़ में स्थित वेटरनी चिकित्सालय में काफ़ी समय से फार्मासिस्ट का पद खाली चल रहा है,वहीं कनोह,भकरेड़ी, गारली, और विधानसभा के दुर्गम क्षेत्र रैली और समताना में भी पंचायत वेटनरी असिस्टेंट का पद खाली चल रहा है, जिस कारण यहां लोगों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इस क्षेत्र के अधिकतर घरों में लोगों ने पशुपालन किया है, लेकिन पंचायत वेटनरी असिस्टेंट की पोस्ट खाली होने के कारण यहां के लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है!
इस विषय में ज़ब हमने मुख्य वेटनरी चिक्तिसा अधिकारी डॉ. नागेंद्र से बात की तो उन्होंने कहा की इस विषय में सरकार को लिखकर भेजा गया है, और हमें उम्मीस है सरकार जल्द ही इन रिक्त पदों को भर देगी!

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