हमीरपुर जिला के उझान तप्पा पाहलू गांव में 24 साल से लंबित बंदोबस्त प्रक्रिया ग्रामीणों के लिए बना सिरदर्द
हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर की तहसील बड़सर के गांव उझान तप्पा पाहलू में वर्ष 2001 में शुरू हुई जमीन बंदोबस्त प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो पाई है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर गांववासियों ने उपायुक्त हमीरपुर को एक ज्ञापन सौंपा और इस प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने की मांग की।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 24 सालों में बंदोबस्त प्रक्रिया अधूरी रहने के कारण उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई किसानों की कृषि भूमि और बंजर जमीन की निशानदेही नहीं हो पाई है, जिससे आपसी विवाद और झगड़ों की स्थिति पैदा हो रही है।
गांववासियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया के इस युग में भी वे अपने जमीन के रिकॉर्ड ऑनलाइन देखने से वंचित हैं। यह समस्या न केवल उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डाल रही है, बल्कि आपसी सामंजस्य को भी बाधित कर रही है।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग की है कि संबंधित विभाग को तुरंत निर्देश देकर निशानदेही प्रक्रिया को पूरा करवाया जाए। इस अवसर पर पंचायत उप प्रधान कुलदीप चंद, वार्ड पंच श्रवण कटौच, जयचंद, राजकुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस मुद्दे का समाधान शीघ्र नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
मुख्य मांगें:
- लंबित बंदोबस्त प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण किया जाए।
- सभी किसानों की भूमि और बंजर जमीन की निशानदेही की जाए।
- डिजिटल पोर्टल पर जमीन के रिकॉर्ड को सार्वजनिक किया जाए।
इस ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान करेगा।