गांव भगेटू से राजन कुमार जो 100% दिव्यांग हैं, ने एक बार फिर मानवता की सेवा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को साबित करते हुए नौवीं बार रक्तदान किया। उन्होंने कहा कि “मानवता की सेवा करना ही परम धर्म है। सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं और इंसानियत से बड़ा कोई कर्म नहीं।”

राजन कुमार ने अपने इस कदम से समाज को यह संदेश दिया है कि रक्तदान के माध्यम से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है, जो मानवता के प्रति एक महान योगदान है। उनकी इस पहल ने न केवल समाज में जागरूकता बढ़ाई है बल्कि दूसरों को भी प्रेरित किया है कि वे इस नेक काम में योगदान दें।
उनकी इस पहल की सराहना करते हुए समाज के लोग उन्हें प्रेरणा का स्रोत मानते हैं। राजन कुमार का मानना है कि छोटी-छोटी कोशिशें भी बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

रक्तदान को लेकर उनकी इस पहल की जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। “सेवा और समर्पण के माध्यम से ही समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।”